शनिवार, 23 सितंबर 2023

हुनर बोलता है

 

                     अनेक रूप के फूल पत्तों से रंग बिरंगी धरती 
                     ये किस चित्रकार का कैनवास बनी है धरती ? 

   कलाकार हमेशा ही मुझे प्रभावित करते रहे हैं । शमशेर बहादुर सिंह चलते - चलते स्कैच यानी रेखाचित्र बना लिया करते थे । रविंद्र नाथ टैगोर , रज़ा ,अमृता शेरगिल आदि बहुत सारे नाम इस क्षेत्र में चमकते रहे हैं । कभी ये हस्तियाँ भी विद्यार्थी जीवन में संघर्ष करती रही होंगी । अगर बच्चे के अंदर हुनर को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए तो उसे प्रोत्साहित किया जा सकता है । हमारे विद्यालय का यह लड़का दीपांशु जो भी देखता है हूबहू उसको कैनवास पर उतार देता है । लाजवाब है इसकी निरीक्षण शक्ति ! किस कदर यह सामने वाले के चेहरे को उन्हीं भावों के साथ अपने मनोमस्तिष्क में स्थिर रखता है और रेखाओं के माध्यम से कागज़ पर आकार देता है । अगर इस बच्चे को अभी से सब प्रकार की आवश्यक सहायता मिल जाती है तो यह भी अपनी शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ अपने हुनर को अपने शौक के रूप में आगे बढा सकता है । 

















शनिवार, 16 सितंबर 2023

वृक्षारोपण अभियान

 

वृक्षारोपण अभियान 

केंद्रीय विद्यालय नाहरा 

              आज विद्यालय में बच्चों का प्रवेश अनोखे अंदाज में था । सब बच्चे हाथ में पौधा लिए हुए 

                                                   पेड़ हैं तो हम हैं , 

      ये पंक्ति गुनगुनाते हुए आ रहे थे । प्रार्थना सभा संपन्न होते ही सभी अपने - अपने कार्य में व्यस्त हो गए । पौधारोपण करना तो था लेकिन अंतिम कालांश में । बच्चे मेरे पास आए तो उनकी बात सुनकर मैं हैरान रह गई । जिन बच्चों को हम शरारती कहकर मुस्कुरा दिया करते थे वे इतने संवेदनशील होंगे मैंने कभी सोचा नहीं था । वे इसलिए परेशान थे कि पौधे कहीं सूख न जाएँ । मैंने माली को बुलाया और उसे पौधों को सुरक्षित तरीके से रखने के लिए कहा। अंतिम कालांश आया और बच्चे दौड़ते हुए अपनी अपनी बगीची में पहुंच गए । माली से कहकर कस्सी , खुरपी वगैरह तो पहले ही मँगवा लिए गए थे । बड़ा ही खूबसूरत माहौल बन गया । कोई मिट्टी की निराई कर रहा था । कोई खुरपी से उसे समतल बना रहा था । इतनी देर में अनिल कुमार महोदय का भी आगमन हुआ और वे कस्सी लेकर खुदाई में लग गए । तभी बैडमिंटन के मैदान से प्रवीण कुमार जी का आगमन हुआ और साथ - साथ गुलज़ार महोदय भी सहयोग देने के लिए उपस्थित हो गए । छायाचित्र लेने का कार्य अंजलि मैडम द्वारा किया जा रहा था ।सभी बच्चों के साथ इस अभियान को सफलता की ओर अग्रसर कर रहे थे कि तभी प्राचार्य महोदय बच्चों की खुशी को बढाने के लिए आते हुए दिखाई दिए । विद्यालय को हरा भरा बनाने के लिए आज तो सारे ही शिक्षक प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे थे । मुक्ता मैडम , नूतन मैदम और गुंजन मैदम अपनी अपनी बगीची में इस कार्य को पूर्णता देने में पूरी तरह तल्लीन थी ।  अब क्यारियाँ तैयार थी और सभी बच्चे अपने-अपने पौधे लेकर खड़े हो गए । अद्भुत दृश्य था । भावी पीढी नए भारत , हरित भारत के निर्माण में पूरे उत्साह के साथ अपना योगदान दे रही थी । नव निर्माण का अनोखा दृश्य था । सभी के चेहरे खिले हुए थे । धरती माँ भी मुस्कुराती हुई प्रतीत हो रही थी । सभी पर अपना स्नेह समान रूप से बरसा रही थी । बड़ा ही अविस्मरणीय दिन था आज का । 











गुरुवार, 14 सितंबर 2023

हिंदी पखवाड़ा

 हिंदी के उत्कर्ष में उत्कंठा, प्रयास और सहयोग 

केंद्रीय विद्यालय नाहरा 

14 सितंबर , 2023

सुबह से ही हिंदी दिवस की तैयारी में मग्न थे सभी विद्यार्थी और शिक्षकगण । अंजलि भर योगदान देना चाह रहे थे सभी अपना । कोई बैनर मंच पर लगा रहा था तो कोई कवियों के चित्र एक कैंनवास पर चिपका रहा था । चित्रसेन महाशय अपने चित्रों के माध्यम से मंचसज्जा को पूर्णता दे रहे थे । मीनाक्षी और आशु मैडम माँ सरस्वती की मूर्ति और दीप प्रज्ज्वलन के लिए दीया सही जगह पर व्यवस्थित कर रही थी । सभी बच्चे दौड़ - दौड़कर सभी कार्य पूरा कर रहे थी । देखते ही देखते पूरा वातावरण हिंदीमय हो गया था । कार्यक्रम काआरंभ प्राचार्य महोदय श्री भूप सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया  । सभी शिक्षक इस अभियान में अपना योगदान देने के लिए आतुर दिखाई दे रहे थे । एक-एक कर सभी ने अपनी भूमिका निभाई । संपादकीय समिति के सदस्य बने सभी बच्चों ने भी इस में अपना योगदान दिया । सभी कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय थे । इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया ।