शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता

 

       मन का संबल मिले तो हर राह आसान है । 

        अच्छा साहित्य ही मन को बनाता ऊर्जावान है 



    ये मात्र शब्द नहीं हैं । किसी के भी पथ में दीप जलाकर उसका पथ आलोकित किया जा सकता है । तनाव आज कहाँ नहीं है ? छोटे से छोटे  बच्चे को आज पढाई का तनाव है । पड़ोसी का बच्चा आगे निकल रहा है कहीं मेरा बच्चा पीछे न रह जाए ये माँ बाप को तनाव है । मेरे विषय में कोई बच्चा असफल न हो जाए ये हर शिक्षक को तनाव है । शिक्षा पूरी करनी के बाद कैरियर का मसला ये हर युवा का तनाव है । असल बात यह है कि तनाव हमारे जीवन में घुन की तरह लग चुका है । 



इससे मुक्त होकर स्वस्थ और आनंदित जीवन तभी जीया जा सकता है जब हम तनाव के मूल कारण को समझकर उसके निवारण का उपाय करें । सकारात्मक रहें , आशावान रहें मिलजुलकर रहें । एक दूसरे की खुशियाँ साझा करें । अच्छा साहित्य पढें और अच्छा संगीत सुनें । 

                                                मन मस्त हुआ फिर क्या बोले । 



 यही तो आजमाया हमने आज बच्चों के साथ । और आज ही क्यों हम तो सप्ताह भर से इसी अभियान को पूरे जोर-शौर से मंजिल तक पहुँचाने में लगे हुए हैं । बेशक हँसने का अभिनय करें लेकिन हँसी को पैर पसारने दें । हँसी को विस्तार दें ।


 

कभी एकांकी में इस समस्या को समाधान की ओर ले जाते हुए , कभी संगीत की तान पर नाचते और गुनगुनाते हुए , कभी मनोवैज्ञानिक बनकर बच्चों की हर प्रकार की समस्याओं पर परामर्श देते हुए पूरे विद्यालय को तनावमुक्त और आनंदयुक्त करने में लगे हुए थे । 




बच्चे ऊर्जा का अथाह भंडार होते हैं । आवश्यकता है कि उनकी क्षमता को पहचाना जाए । जब हम बच्चों विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में बच्चों को शामिल करते हैं तो प्रत्येक बच्चे का रूझान पता चलता है । कार्य करने पर बच्चे के अंदर छिपा हुआ कौशल बाहर आता है । कितने लेखक , वक्ता , वैज्ञानिक , गायक और चित्रकार प्रत्येक विद्यालय के परिसर में अपना हुनर छिपाए हुए हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है । हमने उनको पहचाना और उन्हें मंच दिया । अंततः हर प्रकार की गतिविधि का संकलन करके  हमने उसका कोलाज बना दिया । 




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