संज्ञा ( NOUN )
संसार में विद्यमान प्रत्येक वस्तु का नाम होता है बिना नाम के किसी का भी अस्तित्त्व नहीं होता । बल्कि कहा जाए तो नाम ही संज्ञा है ।
अतः किसी भी प्राणी,वस्तु,स्थान.गुण,भाव आदि के नाम
को संज्ञा कहते हैं ।
भेद

अतः किसी भी प्राणी,वस्तु,स्थान.गुण,भाव आदि के नाम
को संज्ञा कहते हैं ।
भेद

व्यक्तिवाचक जातिवाचक भाववाचक
व्यक्तिवाचक संज्ञा - जिस
संज्ञा शब्द से किसी एक ही व्यक्ति , वस्तु के नाम का बोध हो
विशेष का बोध सामान्य का नहीं
व्यक्तिवाचक
जातिवाचक
मोहन
आदमी
ऐरावत
हाथी
शिमला
नगर
कामायनी
पुस्तक
यमुना
नदी
भारत
देश
दैनिक भास्कर
समाचार पत्र
अरावली
पर्वत
होली
पर्व
दक्षिण
दिशा
हॉकी
खेल
व्यक्तिवाचक
जातिवाचक
मोहन
आदमी
ऐरावत
हाथी
शिमला
नगर
कामायनी
पुस्तक
यमुना
नदी
भारत
देश
दैनिक भास्कर
समाचार पत्र
अरावली
पर्वत
होली
पर्व
दक्षिण
दिशा
हॉकी
खेल
जातिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति के संपूर्ण
प्राणियों , वस्तुओं , स्थानों आदि का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे – नदी , मनुष्य , किसान , सैनिक, विद्यालय , हाथी , पुस्तक , शहर , सड़क आदि ।
भाववाचक संज्ञा – जिस संज्ञा
शब्द से प्राणीयों या वस्तुओं के गुण,धर्म,दशा,कार्य,मनोभाव आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं । जैसे – बचपन , सुंदरता , पढाई आदि ।
इन्हें छुआ नहीं जा सकता ।
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण
1 क्रिया से
धातु + कृत प्रत्यय
· पहले अक्षर को बड़ा करके – चाल , बाढ , आड़
· धातु के बाद आ जोड़कर
- फेरा , घेरा , झगड़ा
· धातु के बाद आई जोड़कर – चढाई , बुनाई , धुलाई
· धातु के बाद आव जोड़कर – बहाव , बनाव , छिड़काव
· धातु के बाद आवट जोड़कर – रुकावट , बनावट , सजावट
· धातु के बाद आवा जोड़कर – दिखावा , भुलावा , चढावा
· धातु के बाद आहट जोड़कर – घबराहट , गड़गड़ाहट , मुस्कराहट
· धातु के बाद ई जोड़कर
- हँसी , बोली ,
· धातु के बाद त जोड़कर – बचत , खपत , रंगत
· धातु के बाद न जोड़कर – खान,पान,गान
· धातु के बाद ना जोड़कर – हँसना , पढना , गाना
· धातु के बाद नी जोड़कर – करनी , कथनी , भरनी
· धातु के बाद औता जोड़कर – समझौता ,
2 विशेषण + तद्वित प्रत्यय
· चतुराई
, बुराई , भलाई ------- आई प्रत्यय
· खटास , मिठास -----
आस प्रत्यय
· कड़वाहट – आहट प्रत्यय
· बपौती
, बुढौती - औती प्रत्यय
· बुद्धिमानी
, गरीबी , अमीरी --- ई प्रत्यय
· सरलता , सज्जनता , महानता – ता प्रत्यय
· महत्त्व, नारीत्व, निजत्व - त्व
प्रत्यय
· लड़कपन , बचपन , पागलपन – पन प्रत्यय
· सौंदर्य , माधुर्य , चातुर्य - य
प्रत्यय
3 जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा –
· मानव
से मानवता
· लड़का
से लड़कपन
· व्यक्ति
से व्यक्तित्व
· पुरुष
से पौरुष
· दास
से दासता
· मित्र
से मित्रता
· नारी
से नारीत्व
· युवा
से यौवन
· बच्चा
से बचपन
· विद्वान
से विद्वता
· मजदूर
से मजदूरी
4 सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा
· अपना
से अपनापन
· स्व
से स्वत्व
· निज
से निजता
5 अव्यय से भाववाचक संज्ञा
· दूर
से दूरी
· समीप
से सामीप्य
· निकट
से निकटता
शीघ्र से शीघ्रता
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